रिमझिम-रिमझिम मेघा बरसे I
प्यासा मन इक बूँद को तरसे II
जेबों-गरीबाँ भीग रहे हैं I
शहरो-बियाबाँ भीग रहे हैं I
हँसी गुलिस्ताँ भीग रहे हैं II
(जेबों-गरीबाँ - कुर्ते का गला और आँचल)
मेरी आँख में बदली उभरे I
पलक-पलक पर सावन उतरे I
बूँद-बूँद आँखों से गुज़रे II
लेकिन इससे क्या होता है I
मन व्याकुल है मन रोता है I
अश्कों के बूटे बोता है II
फिर भी कोई नार नवेली I
कभी न मन के अंगना खेली I
मन की पीड़ा है अलबेली II
मेरी निंदिया ख्वाब को तरसे I
प्यासा मन इक बूँद को तरसे II
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