कर दिया ख़ुद से भी जुदा कैसे Iजिस्म दीवार बन गया कैसे
Iमुंजमिद होंठ आँख पत्थर सी ,
कल हुआ था विसाल-सा कैसे
I(मुंजमिद - जमे हुए; विसाल-सा - मिलन)
जाने क्या लफ्ज़े-अलविदा में था,
जाते-जाते वो रुक गया कैसे
Iमर रहा हूँ तलाशे-हस्ती में,
हो रहा है ये हादिसा कैसे
I(तलाशे-हस्ती - जीवन कि तलाश)
भीड़ में बात हो गयी उनसे,
शोर भी काम आ गया कैसे
Iनोंच कर पर 'नरेश' तुम ख़ुश थे,
फिर भी देखो वो उड़ गया कैसे
I(पर - पंख)
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