अपराधी की स्थिति में
हम तुम
मौन खड़े हैं I
जैसे अपना अपराधों का ही रिश्ता हो I
आज युगों के बाद मिले हैं
ऐसे जैसे दो अजनबी मिला करते हैं I
तुम ख़ामोशी के दरिया के उस तट पर हो
मैं ख़ामोशी के दरिया के इस तट पर हूँ
जैसे हम तुम
दरिया पार नहीं कर सकते I
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