दिल जिगर पेश करूँ दौलते-जाँ पेश करूँ।
आरती पेश करूँ या कि अज़ाँ पेश करूँ।
मेरे मालिक मैं हूँ बस तेरी रज़ा का बन्दा,
मेरे बस में हो तो मैं सारा जहाँ पेश करूँ।
आरती पेश करूँ या कि अज़ाँ पेश करूँ।
मेरे मालिक मैं हूँ बस तेरी रज़ा का बन्दा,
मेरे बस में हो तो मैं सारा जहाँ पेश करूँ।
No comments:
Post a Comment