बादलों के झुरमुट से
किसने दी सदा मुझको
और उफ़ुक़ पे कौन ऐ दोस्त
मेरा नाम लेता है?
मैं हर एक रिश्ते को
यास का कफ़न देकर
मुद्दतें हुईं जबकि
दूर जंगलों में कहीं
दफ़्न कर चुका हूँ
अब
किसने दी सदा मुझको?
किसने दी सदा मुझको?
किसने दी सदा मुझको
और उफ़ुक़ पे कौन ऐ दोस्त
मेरा नाम लेता है?
मैं हर एक रिश्ते को
यास का कफ़न देकर
मुद्दतें हुईं जबकि
दूर जंगलों में कहीं
दफ़्न कर चुका हूँ
अब
किसने दी सदा मुझको?
किसने दी सदा मुझको?
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